योग

योग एक ऐसा अनुशासन है जो हजारों साल पुराना है और इसे आंतरिक आत्मिक शांति के लिए किए जाने वाले सर्वोत्तम अभ्यासों में से एक माना जाता है। व्यक्ति की अंतर्निहित शक्ति में संतुलित तरीके से सुधार करके आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करने के उद्देश्य से इसका अभ्यास किया जाता है। इस पद्धति की स्थापना संतों और ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने अनुभवों पर आधारित एक व्यावहारिक और वैज्ञानिक पद्धति बनाई जो सभी की पहुंच के भीतर है । हम एक ऐसे युग में पहुंच गए हैं जहां योग केवल इसके संस्थापकों तक ही सीमित नहीं है। इसने दुनिया भर में अपनी पहचान बना ली है और पिछले दशकों में दुनिया भर में इसे स्वीकार भी किया गया है। इस पद्धति की तकनीक और विज्ञान को आधुनिक जीवन शैली और व्यक्तियों की सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव करके संरेखित किया गया है। योग का सबसे पहला उल्लेख सब से पुराने पवित्र ग्रंथों में से एक ऋग्वेद में मिलता है। यह आध्यात्मिक अनुशासन एक सूक्ष्मविज्ञान पर आधारित है जिसका उद्देश्य शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करना है।

योग के पिता, महर्षि पतंजलि ने योग के कई पहलुओं को जोड़ा और उन्हें "योगसूत्र" अथवा सूत्र कहा जाता है । उन्होंने "अष्टांगयोग" की वकालत की; योग के आठ प्रकार जो मनुष्य के सर्वांगीण विकास में सहायता करता है। ये घटक हैं यम, नियम, आसन, प्राणायाम,प्रत्याहार, धारणा,ध्यान और समाधि। ये घटक शारीरिक अनुशासन लाते हैं,श्वासों के नियमन में मदद करते हैं, इंद्रियों को नियंत्रित करते हैं और चिंतन और ध्यान को बढ़ावा देते हैं। ये तकनीकें मनोदैहिक विकारों जैसे रोगों की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं। इसने बड़े पैमाने पर लोगों को लाभान्वित किया है और प्रत्येक बीतते दिन के साथ फलता-फूलता रहता है।

Last updated on अक्टूबर 1st, 2022 at 02:12 अपराह्न